*पीएम मोदी ने पुतिन से फोन पर करीब 25 मिनट की बात, कहा- युद्ध से नहीं बातचीत से ही समाधान निकलेगा*
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच हो रही हिंसा को तुरंत बंद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिये की मतभेदों को सुलझाया जा सकता है। बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बारे में बताया।
*Russia Ukraine News:* रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच गुरुवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर करीब 25 मिनट बात की है। PM मोदी ने की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर रूस-यूक्रेन के बीच ‘हिंसा को तत्काल बंद करने’ की अपील की है। पुतिन के साथ पीएम मोदी की फोन पर हुई बातचीत में भारतीयों की सुरक्षा पर भी चर्चा की गई है। पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध से नहीं बातचीत करने से ही समाधान निकलेगा। मोदी ने पुतिन से कहा NATO-रूस बातचीत कर रास्ता निकालें।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा है कि बातचीत के जरिए ही कोई हल निकाला जा सकता है। उनके मुताबिक कूटनीति के जरिए ही शांति स्थापित की जा सकती है। उधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मास्को में प्रतिबंधों पर चर्चा के लिए व्यापार शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी की। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं के बारे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भी अवगत कराया और बताया कि भारत उनके सुरक्षित निकास और भारत लौटने को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे।
*पुतिन ने यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम पर मोदी को अवगत कराया*
पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री मोदी को अवगत कराया। पीएम ने अपने लंबे समय से चले आ रहे विश्वास को दोहराते हुए कहा कि रूस और नाटो के बीच मतभेद केवल ईमानदार बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं। पीएमओ के मुताबिक, पीएम मोदी ने पुतिन से हिंसा और तनाव को तत्काल बंद करने की अपील की। उन्होंने राजनयिक वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से कोशिश करने का आह्वान किया।
पीएमओ के मुताबिक, इस दौरान पीएम ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों खासकर छात्रों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं के बारे में भी पुतिन से चर्चा की। पीएम ने पुतिन से कहा कि भारत उनकी सुरक्षित निकासी और भारत लौटने को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे।
*पोलैंड और हंगरी के रास्ते भारतीय निकाले जाएंगे- MEA*
रूसी हमले के बाद यूक्रेन के हालात बदतर होते जा रहे हैं। भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की अहम बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजित डोवाल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा कई अन्य आला अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने की है। प्रधानमंत्री ने CCS बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनको भारत वापस लाना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि पोलैंड और हंगरी के रास्ते भारतीय यूक्रेन से निकाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम अत्यधिक सावधानी के साथ निकासी को संभालेंगे। कीव से भारतीय नागरिकों को निकालने और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए रोडवेज तैयार किए गए हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे। पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं। दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
विदेश सचिव ने कहा कि यूक्रेन में हमारे दूतावास ने काम जारी रखा है। स्थिति को देखते हुए दूतावास द्वारा कई सलाह जारी की गई हैं। हम अपने छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालयों, स्टूडेंट कॉन्ट्रैक्टर से संपर्क कर रहे हैं। रूस पर यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। हमें देखना होगा कि इन प्रतिबंधों का हमारे हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह स्वीकार करना होगा कि किसी भी प्रतिबंध का हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।