देहरादून विभाजन विभषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाजन का दर्द झेलने वालो को किया समान्नित

Spread the love

रिपोर्टर राजीव कुमार रुद्रपुर

देहरादून विभाजन विभषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाजन का दर्द झेलने वालो को किया समान्नित
विभाजन की विभषिका झेलने वालो की याद में बनेगा स्मृति स्थल मुख्यमंत्री ने की घोषणा , कार्यक्रम सयोंजक रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने जताया आभार

देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सुभाष रोड़ स्थित वेडिंग प्वाइंट में पंजाबी सभा द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका सम्मान समारोह में विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने विभाजन विभीषिका के दौरान दिवंगत लोगों की स्मृति में स्मृति स्थल के निर्माण की भी घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वयोवृद्ध विद्या वंती, सरदार मनोहर सिंह नागपाल, नानक चंद नारंग, भवानी दास अरोड़ा आदि को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को एक ओर जहां देश आजादी का जश्न मना रहा था, वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दर्द सहा। देश का विभाजन भारत के लिए किसी विभीषिका से कम नहीं था। इस दंश के दर्द की टीस आज भी है, जो इसे झेलने वाले लोगों की आंखों को नम कर देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का विभाजन केवल एक भूभाग का विभाजन नहीं था, पीढ़ियों से साथ रह रहे लोगों के बीच नफरत और सांप्रदायिकता की लकीर खींच दी गई थी। लगभग पूरा भारत छिन्न-भिन्न हो गया था। सालों से साथ रहने वाले लोग, एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे, हर जगह क्रूरता नजर आ रही थी, जीवन मूल्यहीन हो गया था। मानव विस्थापन का इससे भयानक और विकराल रूप पहले कभी नहीं देखा गया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था।

विभाजन के दौरान वैमनस्य और दुर्भावना का दृढ़तापूर्वक सामना करने वाले, प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस हिंसक उन्माद के दौर के इस परिसर में बैठे हमारे वरिष्ठों और उनके अनेकों साथियों ने, समाज के प्रति अपने कर्तव्य, राष्ट्र के प्रति अपनी कृतज्ञता, और मातृभूमि के प्रति अपने समर्पण को जीवंत रखा। इस बंटवारे ने जो जटिलताएं और विषमताएं, आजाद भारत के सामने ला कर खड़ी कीं, देश आज भी उनका सामना कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों इतिहासकारों और राजनेताओं ने, विभिन्न मंचों से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, भारत का विभाजन राजनीतिक निर्बलता का स्पष्ट उदाहरण था। हम सभी का यह दायित्व है कि, हमारी युवा पीढ़ी, उस तथ्य को जाने कि यह आज़ादी हमने किन हालातों में प्राप्त की थी? उन्होंने कहा कि देश आज आजादी के अमृत वर्ष में प्रवेश कर चुका है और इस अमृतकाल में यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद विभाजन विभीषिका झेल चुके लोगों ने विभाजन से मिले दर्द को भुलाकर देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोगों ने इस क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से पलायन करके आए हुए आप जैसे हमारे पंजाबी भाइयों ने दिखा दिया कि मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर इंसान क्या नहीं कर सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने भी उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का ’’विकल्प रहित संकल्प’’ लिया है। इसके लिए हम सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मंत्र पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में सड़क, रेल, हवाई यातायात की सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। सभी के सहयोग और समर्थन से हम उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने में अवश्य सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि के सनातन स्वरूप को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। राज्य में धर्मांतरण के विरूद्ध कानून सख्ती से लागू किया गया है। देवभूमि के प्रति लोगों की आस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश की जनता से किये गये वायदे के अनुरूप शीघ्र ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू किया जायेगा। अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध भी सख्ती से कार्यवाही कर किसी भी षड्यंत्र के तहत किये जाने वाले अतिक्रमण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वही कार्यक्रम सयोंजक रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने कहा निश्चित रूप से विभाजन विभषिका कार्यक्रम बहुत सफल और भव्य दिव्य हुआ कार्यक्रम में हमारे बुजुर्गों को समान्नित किया गया , वह क्षण भावुक करने वाला था सभी ने नम आंखों से हवन यज्ञ में शामिल होकर विभाजन के समय अपनो को गवाने की स्मृति में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी , आपको बता दे रुद्रपुर विधायक पिछले काफी दिनों से देहरादून में ही इस कार्यक्रम की तैयारी को लेकर लगे हुए थे जिसके लिये उनके द्वारा बैठकों का दौर जारी था वही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी कार्यक्रम सयोंजक विधायक शिव अरोरा की सरहाना की जिन्होंने पिछले साल रुद्रपुर में ओर हाल ही बंगाली समाज के सम्मान में कार्यक्रम को आयोजित करवाया था जो काफी लोगो की स्मृतियों को ताजा करने वाला था ,वही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने विभाजन की विभषिका झेलने वालो की याद में देहरादून में एक स्मृति स्थल बनाने की घोषणा की जिसके लिये कार्यक्रम सयोंजक विधायक शिव अरोरा ने उनका आभार जताया ओर कहा यह उन बिछड़ी हुई आत्माओ को सच्ची श्रद्धांजलि होगी निश्चित रूप से यह कार्य धामी सरकार का बेहद सरहानीय है जो हमारे आने वाली युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिये एक अच्छी पहल साबित होगा।वही कार्यक्रम की सफलता हेतु विधायक शिव अरोरा ने सभी आये सेनानियों ओर कार्यक्रम में लगातार लगे हुए कार्यकताओ का आभार जताया। वही कार्यक्रम का आयोजक संस्कृति विभाग के माध्यम से हुआ था जिसको सफल बनाने के लिये विधायक शिव अरोरा ने जीतोड़ मेहनत कर कार्यक्रम को सफल बनाया। आपनी कार्यशैली ओर मैनजमेंट के लिये जाने जाते हैं विधायक शिव अरोरा जिसके चलते देहरादून में भी उन्होंने इस बड़े कार्यक्रम को सफल बना के दिखाया। कार्यक्रम में लगभग 750 से अधिक सेनानियों को समान्नित किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं विधायक शिव अरोड़ा, महामण्डलेश्वर स्वामी धर्मदेव, विश्वास डाबर आदि ने भी अपने विचार रखे,
कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा, देवेन्द्र भसीन, कैलाश पन्त, राजीव घई, रुद्रपुर से सुनील ठुकराल, किरन विर्क,अनमोल विर्क, उमेश पसरीचा, बाबू चड्डा, मनोज मदान, विक्की घई, माणिक अरोरा, जग्गू, मानव, रवि सिडाना,अमनदीप विर्क,अमन चीमा, आशु गम्भीर, सुरेश खुराना,कपिल कुमार, महेंद्र कालड़ा, अमित नारंग सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

More From Author

जेसीज में अन्तर्विद्यालयी गुरबाणी शबद-गायन प्रतियोगिता का आयोजन जेसीज पब्लिक स्कूल रुद्रपुर में गुरुपर्व के अवसर पर अन्तर्विद्यालयी गुरबाणी शबद प्रतियोगिता के नौवें संस्करण का आयोजन किया गया। विद्यालय के महासचिव श्री सुरजीत सिंह ग्रोवर जी के प्रयास एवं मार्गदर्शन से जेसीज पब्लिक स्कूल में इस प्रकार की प्रतियोगिता का सफल आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि स० हरविन्दर सिंह, स० विरेन्द्र सिंह चड्ढा, स० दिलराज सिंह बाजवा, स० सुरमुख सिंह, बाबा सुखचैन सिंह, बाबा विक्रमजीत सिंह, स० गुरमीत सिंह गाबा, स० बलजीत सिंह गाबा श्री गुरूसिंह समा रुद्रपुर सहित विभिन्न गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के आरंभ में विद्यालय के प्रधानाचार्य आर.डी. शर्मा ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों तथा समस्त शिक्षकों का स्वागत करते हुए गुरू की महिमा पर प्रकाश डाला। इस प्रतियोगिता में ब्लूगिंग डेल्स स्कूल रुद्रपुर, जी.आर.डी. स्कूल धौलपुर, एमेनिटी पब्लिक स्कूल रुद्रपुर, मॉम्स प्राइड स्कूल रुद्रपुर, क्रिमसन स्कूल रुद्रपुर, गुरुकुल इंटरनेशन स्कूल हल्द्वानी, जी.डी. गोएनका स्कूल रुद्रपुर, ऑक्सफोर्ड स्कूल रुद्रपुर, गुरुनानक एकेडमी नानकमत्ता, श्री दशमेश स्कूल बाजपुर, मिल्टन एकेडमी बिलासपुर, नोजगे पब्लिक स्कूल खटीमा, जीनियस ग्लोबल एकेडमी बाजपुर, गुरुकुल स्कूल किच्छा, जेसीज पब्लिक स्कूल रुद्रपुर, दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर एवं मरदाना एकेडमी रुद्रपुर सहित 20 विद्यालयों ने प्रतिभाग किया। ज्ञानी हरजिंदर सिंह (एस.जी.पी.सी) अमृतसर स० जसवंत सिंह (बरेली) स० प्रभु सिंह (हल्द्वानी) निर्णायक मंडल के सदस्य थे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल हल्द्वानी, द्वितीय स्थान एमेनिटी स्कूल रुद्रपुर एवं गुरुकुल स्कूल किच्छा, तृतीय स्थान श्री दशमेश स्कूल बाजपुर ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय में चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. जसकीरत सिंह बजाज एवं उनकी टीम के द्वारा लगभग 350 अभिभावको, विद्यार्थियों एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा स्टाफ का निःशुल्क नाड़ी परीक्षण द्वारा रोगों की जाँच एवं उनका एक्यूप्रेशर पद्धति द्वारा निदान किया गया। स० हरविन्दर सिंह ने सभी को गुरुपर्व की बधाई देते हुए कार्यक्रम की सराहना की। श्री सुरजीत सिंह ग्रोवर जी ने कहा कि आज के बदलते हुए परिवेश में मूल्यपरक शिक्षा की आवश्यकता को समझते हुए विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति एवं संस्कारों से परिचित कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जेसीज विद्यार्थियों को एक अच्छा इंसान बनाने के साथ-साथ सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना बनाये रखने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों में सकारात्मक सोच एवं नैतिक मूल्यों का समावेश करते हैं। कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

डॉक्टर पर हमला करने के आरोपी युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी पुलिस

प्रो. अतुल जोशी को राजभाषा पुरस्कार प्राप्ति के अवसर पर श्रीराम कॉलेज काशीपुर में अभिनन्दन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *