श्री सांई शिक्षण संस्थान में विज्ञान कार्यशाला का हुआ भव्य शुभारम्भ
काशीपुर। श्री सांई शिक्षण संस्थान, जसपुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली के सौजन्य से सहयोगी संस्था समाज सेवा एवं शिक्षा समिति बद्रीनाथ कोटद्वार के सहयोग से विज्ञान कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि राजकुमार सिंह, अध्यक्ष समाज सेवा एवं शिक्षा समिति वैज्ञानिक संस्था के संरक्षक पीएन गोस्वामी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य “किस प्रकार आम जनमानस को अंधविश्वास के पीछे के विज्ञान को समझाया जा सकें?” था। कार्यशाला के माध्यम से क्षेत्र में फैले ढोंग पाखंड जो कि कुछ अराजक व्यक्तियों द्वारा किये जाते हैं व उनके द्वारा भोलीभाली जनता का आर्थिक और शारीरिक व मानसिक उत्पीडन किया जाता है उससे कैसे बचा जा सके? कैसे धूर्त लोग विज्ञान का सहारा लेकर चमत्कार करने का दिखावा करते हैं। ऐसे कई प्रयोग वैज्ञानिकों ने कार्यशाला में प्रशिक्षिओं का सिखायें जैसे कि हाथ की सफाई एवं चालबाजी के प्रयोग, हवा में हाथ हिला कर नोट निकालना, हवा में हाथ हिला कर भभूत निकालना, हवा में हाथ हिला कर सोने की चैन निकालना, दो रस्सी को काट कर एक करना, मुंह से शिवलिंग निकालना, कान से सुन कर पर्ची पर लिखा बताना, आंख पर पट्टी बांधकर पढ़ना, कागज के कार्ड को हाथ की चुम्बकीय शक्ति से खींचना, रस्सी को फूंक मारकर कड़ा करना, रूमाल में माचिस की तीली रखकर तोड़ना एवं फिर से साबुत बनाना, नारियल से खून निकालना। ज्ञानेन्द्रिय के भ्रम पर आधारित-हाथ में छेद का अनुभव होना, पीठ पर ब्रश नहीं चलने पर भी ब्रश के चलने का अनुभव होना, मनचाही मिठाई अथवा आइसक्रीम खिलाना, मनचाही खुशबू महसूस होना। हाथ से चूने द्वारा पीलिया निकलना, एल्यूमीनियम के ताबीज का गर्म होना एवं भभूत निकालना, देशी घी से आग उत्पन्न करना, मोमबत्ती का हवा में अपने आप जलना, हाथ में चूना लगाकर रगड़ने पर लाल होना, हाथ पर चाकू से नारियल में पानी से आग लगाना। खून निकालना। मुख्य अतिथि राजकुमार सिंह द्वारा बताया गया कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से शिक्षक गणों के बौद्धिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस मौके पर संस्थान की प्राचार्या डॉ. ममता सिंह, कौशल कुमार, मुबीन अहमद, अतुल शर्मा, डॉ. रविन्दर बर्गली, आरजू, सीमा इस्लाम, सरिता सागर, नदीम अकरम आदि मौजूद रहे।