भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं- सीएम योगी

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रिपोर्टर राजीव कुमार उधम सिंह नगर

 

भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं- सीएम योगी

लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनजातीय समाज की गौरवपूर्ण संस्कृति और उनकी मातृभूमि के प्रति अपार निष्ठा को सम्मान देते हुए भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में “जनजातीय गौरव दिवस” पर अंतर्राष्ट्रीय जनजातीय भागीदारी उत्सव का शुभारंभ किया। महोत्सव लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में 15 से 20 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत के 22 राज्यों के साथ-साथ स्लोवाकिया और वियतनाम से भी कलाकार शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदाय के मातृभूमि के प्रति त्याग, निष्ठा और वीरता को प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज न केवल भारत का मूल संप्रदाय है, बल्कि यह समुदाय मातृभूमि के प्रति उच्च भाव से प्रेरित होकर देश की सेवा में सदैव तत्पर रहा है।
को प्राथमिकता दी, क्योंकि पिछली सरकारों में यह समाज विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित था। सीएम योगी ने जनजातीय समुदाय को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, “थारू, कोल, चेरु, गोंड, बुक्सा जैसे जनजातीय समुदायों के लिए सैचुरेशन योजना के माध्यम से हर जरूरतमंद तक सरकारी लाभ पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है।” उन्होंने बताया कि जनजातीय समुदाय को प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, वृद्धावस्था पेंशन, महिला पेंशन और दिव्यांगजन पेंशन जैसी योजनाओं से आच्छादित किया गया है।

सीएम योगी ने जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपरा के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जनजातीय समुदाय की कला, परंपरा और उनकी विरासत को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम का निर्माण किया जा रहा है। बलरामपुर में थारू जनजाति की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य म्यूजियम बनाया गया है, जिसका उन्होंने स्वयं दौरा किया है। उन्होंने कहा कि “टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अपनी संस्कृति और विरासत से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने बताया कि सोनभद्र और बिजनौर के बुक्सा जनजाति वाले क्षेत्रों में भी म्यूजियम बनाए जा रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को अपनी विरासत और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया जा सके।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने जनजातीय समाज को सशक्त बनाने के लिए उनकी शिक्षा के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वीर एकलव्य के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों में विद्यालयों की स्थापना की जा रही है ताकि जनजातीय समाज के बच्चों को आधुनिक शिक्षा का लाभ मिले। साथ ही आश्रम पद्धति के विद्यालयों के माध्यम से भी शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने जनजातीय समाज की आर्थिक समृद्धि पर भी जोर देते हुए कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से यह समाज अब तेजी से आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि शासन की योजना का लाभ समाज के हर तबके को बिना किसी भेदभाव के पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री के निर्देशन में हर जरूरतमंद व्यक्ति को शासन की योजनाओं से जोड़कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीरो प्रॉपर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनजातीय समुदाय, अनुसूचित जाति, अति पिछड़े वर्ग और अन्य जरूरतमंद लोगों तक सभी कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का अभियान जारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 से 20 नवंबर तक चलने वाले इस छह दिवसीय महोत्सव में देश के 22 राज्यों के जनजातीय कलाकार भाग ले रहे हैं, वहीं स्लोवाकिया और वियतनाम के कलाकार भी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन जनजातीय समुदाय को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनके जीवन को नजदीक से समझने का अवसर प्रदान करता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जनजातीय समुदाय ने विपरीत परिस्थितियों में भी देश की प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की है। उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में जनजातीय समुदाय का निवास है, जिसमें सोनभद्र का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि जनजातीय समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया जा रहा है।

इस अवसर पर अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग मुकेश कुमार मेश्राम सहित कई अधिकारी और जनजातीय समाज से जुड़े गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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