जनता इंटर कॉलेज में हुआ सात दिवसीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक शिवर का शुभारंभ

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रुद्रपुर:- आज जनता इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक कैंप का शुभारंभ किया यह शिविर 7 दिवसीय लगाया गया है जिसमें उधम सिंह नगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक के अधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया

शाखा प्रमुख मनोज जोहरी विद्यालय उप प्रधानाचार्य संजय आर्य एवं वीरेंद्र जोशी के नेतृत्व में आज कार्यक्रम का शुभारंभ कर सभी स्वयंसेवकों को देश व समाज के प्रति जागरूकता स्वच्छता एवं देश के प्रति अपनी भूमिका कैसे निभाई जाए! यह सभी जानकारी देते हुए आज जनता इंटर कॉलेज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सात दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया

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युवाओें को आदर्श जीवन की ओर अग्रसर करना वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरतः विकास शमा्र नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित युवा आदान प्रदान प्रशिक्षण कार्यक्रम का महापोर ने किया शुभारम्भ रूद्रपुर। जिला युवा अधिकारी आशीष पाल के निर्देशन में नेहरू युवा केंद्र, ऊधम सिंह नगर की ओर से अंतर जिला युवा आदान प्रदान प्रशिक्षण एवं व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किच्छा स्थित सुंदर बाग बैलेस में किया गया। पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण का शुभारम्भ मुख्य अतिथि रूद्रपुर नगर निगम के महापौर विकास शर्मा ने किया। पहले दिन युवाओं को साहित्य विषय पर जानकारियां दी गयी। बता दें विकसित भारत अभियान के तहत देश भर में युवा आदान प्रदान कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत नेहरू युवा केन्द्र की ओर से भी अंतर जनपदीय युवा आदान प्रदान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसका शुभारभ मुख्य अतिथि महापौर विकास शर्मा ने किया। इस दौरान मुख्य अतिथि ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं के व्यक्तित्व विकास और कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी देश का वर्तमान और भविष्य हैं। वो देश की नींव हैं, जिस पर देश की प्रगति और विकास निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि नौजवानों की ऊर्जा व्यर्थ बर्बाद होने से बचाने के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम जरूरी है। युवाओें को एक उन्नत एवं आदर्श जीवन की ओर अग्रसर करना वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। युवा सपनों को आकार देने का अर्थ है सम्पूर्ण मानव जाति के उन्नत भविष्य का निर्माण। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने भारत के नवनिर्माण के लिये मात्र सौ युवकों की अपेक्षा की थी। क्योंकि वे जानते थे कि युवा ‘विजनरी’ होते हैं और उनका विजन दूरगामी एवं बुनियादी होता है। उनमें नव निर्माण करने की क्षमता होती है। आज की युवापीढ़ी में प्रतिभा की कमी नहीं है मगर उनके दिलो दिमाग में अच्छे विचारों के बीज पल्लवित कराने की जरूरत है। श्री शर्मा ने कहा कि आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से युवा सपनों को पंख लग रहे हैं। युवाओं को आत्म निर्भर और सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। इस अवसर पर राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक तनीषा चावला ने बताया कि पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देहरादून से आये 29 युवा प्रतिभाग कर रहे हैं। पहले दिन इन युवाओं को साहित्य की जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के तहत इन युवाओं को जिले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं प्राचीन विरासतों का भ्रमण कराया जायेगा। इसके अलावा खेल एवं बाहरी गतिविधियां, योग एवं स्वास्थ्य जागरूकता, कौशल विकास एवं चर्चा, सामुदायिक कार्य एवं टीम बिल्डिंग का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं के बीच विचारों अनुभवों और संस्कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है जिससे उनमें सामाजिक समरसता, कौशल विकास और नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण की भावना को विकसित किया जा सके। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि सुनील पाठक, मोहन सिंह, राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक अर्जुन यादव, रश्मि राणा, पूजा वर्मा, प्रतीक सक्सेना समेत कई लोग मौजूद थे।

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*मदद चाहती है यह हब्बा की बेटी यशोदा कि हमजिसम राधा की बेटी* *राइटर अंजुम कादरी* ये कूचे, ये नीलामघर दिलकशी के ये लुटते हुए कारवां ज़िन्दगी के कहां हैं, कहां है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं ये पुरपेच गलियां, ये बदनाम बाज़ार ये ग़ुमनाम राही, ये सिक्कों की झन्कार ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं ये सदियों से बेख्वाब, सहमी सी गलियां ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियां ये बिकती हुई खोखली रंग-रलियां जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन थकी-हारी सांसों पे तबले की धन-धन ये बेरूह कमरों में खांसी की ठन-ठन जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख फ़िकरे ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं यहां पीर भी आ चुके हैं, जवां भी तनोमंद बेटे भी, अब्बा, मियां भी ये बीवी भी है और बहन भी है, मां भी जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी पयम्बर की उम्मत, ज़ुलयखां की बेटी जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं ज़रा मुल्क के रहबरों को बुलाओ ये कुचे, ये गलियां, ये मंजर दिखाओ जिन्हें नाज़ है हिन्द पर उनको लाओ जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां हैं। कुरान ,गीता, रामायण ,बायबिल, ग्रंथ को मान्ने वाले सभी लोगों को अल्लाह ईश्वर ने पैदा किया है वही सृष्टि का रचयिता है प्राकृतिक भी उसी ने रची है पशु पक्षी जानवर जीव जंतु आदि सब कुछ धरती गगन उसी ने ही रचा है और पुरुष महिला को भी उसी ने रचा है और महिलाओं की इज्ज़त करो उसने हर एक मौतवर किताब में लिखा है कुरान में साफ-साफ लिखा है हज़रत उम्मे सलमा सारी दुनिया की मां उम्मूल मोमिनीन फरमाती हैं एक दिन मैं अपने घर में बैठी अपना सर सुलझा रही थी कि मैंने हुज़ूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम की आवाज़ मिमबर पर सुनि मैंने बालों को तो यूं ही लपेट लिया और हुजरे में आकर आप की बात सुनने लगी तो आप उस वक्त आयत तिलावत फरमा रहे थे उसका तर्जुमा यह है नवी की बीवियो तुम आम औरतों की तरह ना हो अगर तुम अल्लाह से डरने वाली हो तो दबी ज़ुबान से बात ना किया करो कि दिल की खराबी में मुब्तिला कोई आदमी लालच में पड़ जाए बल्कि साफ सीधी बात करो जब अल्लाह ताला फरमा रहा है कि हम पूरी आज़ादी के साथ साफ-सुथरी बात कर सकते हैं तो हमारे पुरुष प्रधान में यह बात क्यों बहुत सख्ती से लागू हो रही है कि महिलाएं किसी भी योग्य नहीं है और उनका सिर्फ शिकार ही किया जाए हर एक पहलू से उनको नीचा दिखाया जाए किसी भी डिपार्टमेंट में महिलाओं की कोई गुंजाइश आखिर पुरुष प्रधान को क्यों बर्दाश्त नहीं है जब हमारे प्यारे नबी अकरम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने हम महिलाओं को आज़ादी दिलाई है हम लोगों पर से कई प्रथाएं हटाईं हैं तो फिर पुरुष प्रधान क्यों आढे आते हैं आखिर ज़माने में कब तक महिलाओं का इस्तेमाल किया जाएगा पुरुष प्रधान का मानना है महिला सर का ताज नहीं है तो आप यह भी समझले की महिला पैर की जूती भी नहीं है वह आपकी असिस्टेंट है प्यारे मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया है इल्म हासिल करो इल्म हासिल करने के लिए चाहे आपको चीन तक क्यों ना जाना पड़े लेकिन आपने कहीं भी यह नहीं फरमाया कि सिर्फ पुरुष प्रधान ही इल्म हासिल करें इसलिए उन महिलाओं से भी गुजारिश की जा रही है जो बेटी बेटा में गुरेज करती हैं करती हैं भेदभाव रखती हैं अपने रवैये को वह महिलाएं बदले ताकि महिलाओं की इज्ज़त बरकरार रह सके और वह पुरुष प्रधान भी अपने रवैये में लोच लाएं जो महिलाओं से दीगर गलत काम करवाते हैं आज भारत की सिचुएशन इतनी डैमेज हो गई है हम अमरीका की मिसाल देते हैं क्या हमने अपने भारत का मूल्यांकन किया है हमारे भारत के अंदर देह व्यापार और रेप केस सबसे ज्यादा चरम पर है छोटी-छोटी बच्चियों के शरीर से खिलवाड़ हो रहा है मजबूर भी महिलाओं को किया जाता है बदनाम भी महिलाओं को किया जाता है बल्कि भी महिलाओं की मानी जाती है सजा भी महिलाओं को दी जाती है जबकि पुरुष प्रधान ने अब तो हद से अत कर दी है आज की रिसर्च के अनुसार बेड टच सबसे ज्यादा पुरुष प्रधान ने पुरुष प्रधान को ही किया है यानी के बालक का शिकार कर रहे हैं बालिकाओं के साथ-साथ बालकों का भी शिकार कर रहे हैं हद हो गई हैवानियत की

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