ऑनकोप्लास्टी ने दी महिलाओं को कैंसर से जीत के साथ नई उम्मीद अब स्तन कैंसर के बाद भी बनी रहेगी स्त्री की पहचान और आत्मविश्वास

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राजीव कुमार गोड़

 

ऑनकोप्लास्टी ने दी महिलाओं को कैंसर से जीत के साथ नई उम्मीद

अब स्तन कैंसर के बाद भी बनी रहेगी स्त्री की पहचान और आत्मविश्वास

रुद्रपुर: भारत में हर 24वीं महिला के जीवन में कभी न कभी स्तन कैंसर का खतरा रहता है। यह संख्या वाकई डराने वाली है, लेकिन अक्सर महिलाएँ इस डर से सबसे ज़्यादा घबराती हैं कि “क्या मुझे अपना पूरा स्तन खोना पड़ेगा?” अच्छी ख़बर यह है कि अब ऐसा ज़रूरी नहीं।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (ब्रेस्ट) विभाग की सीनियर डायरेक्टर डॉ. राजिंदर कौर सग्गू ने बताया कि ऑनकोप्लास्टी एक आधुनिक सर्जरी तकनीक है जिसमें कैंसर की गांठ को सुरक्षित रूप से पूरी तरह हटाया जाता है और साथ ही स्तन का आकार व सिमेट्री भी बनाए रखी जाती है। यानी एक ही ऑपरेशन में इलाज और सौंदर्य सुधार दोनों संभव हैं। इस तकनीक के कई फायदे हैं  स्तन का आकार बिगड़ता नहीं, आत्मविश्वास बना रहता है, कैंसर का इलाज उतना ही असरदार होता है जितना पारंपरिक सर्जरी में, महिला जल्दी अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में लौट आती है और मानसिक तनाव का खतरा भी घटता है।

ऑनकोप्लास्टी का लाभ विशेष रूप से शुरुआती चरण की महिलाओं को मिल सकता है। कुछ एडवांस केसों में भी, यदि कीमोथेरेपी के बाद स्तन बचाना संभव हो, तो यह प्रक्रिया की जा सकती है। आमतौर पर इसका निर्णय विशेषज्ञों की टीम  सर्जन, ऑन्कोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन  मिलकर करती है।

डॉ. राजिंदर ने आगे बताया कि  दिल्ली की 32 वर्षीय सीमा (बदला हुआ नाम) इसका प्रेरक उदाहरण हैं। जब उन्हें स्तन कैंसर का पता चला, तो उनका पहला सवाल था  “क्या अब मैं अधूरी रह जाऊँगी?” उन्हें ऑनकोप्लास्टी ब्रेस्ट सर्जरी के बारे में बताया गया। ऑपरेशन के बाद सीमा ने भावुक होकर कहा, “मुझे यकीन नहीं हुआ कि मेरा स्तन बच गया और मैं पहले जैसी दिखती हूँ। कैंसर चला गया और आत्मसम्मान भी सुरक्षित रहा।” आज सीमा स्वस्थ हैं और अन्य महिलाओं को जागरूक कर रही हैं। स्तन कैंसर का इलाज अब सिर्फ जान बचाने तक सीमित नहीं है। अब लक्ष्य है महिला की ज़िंदगी की गुणवत्ता और आत्मविश्वास को बनाए रखना और ऑनकोप्लास्टी ने यह संभव कर दिखाया है।“

याद रखें, स्तन कैंसर की समय पर जांच और शुरुआती पहचान ही सबसे बड़ा हथियार है। अपने स्वास्थ्य को हमेशा प्राथमिकता दें, क्योंकि हर महिला का हक़ है अपने इलाज के हर विकल्प को जानना और समझना। जागरूक रहें और सही फैसला लें।

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