उत्तरांचल युवा पंजाबी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं  समाजसेवी भारत भूषण चुघ ने गत सायं श्री अनंत प्रेमाश्रम नंगली धाम आदर्श कालोनी में आयोजित की जा रही

रिपोर्टर राजीव कुमार

उत्तरांचल युवा पंजाबी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं  समाजसेवी भारत भूषण चुघ ने गत सायं श्री अनंत प्रेमाश्रम नंगली धाम आदर्श कालोनी में आयोजित की जा रही श्री राम कथा के छठे दिन सपरिवार पहुंचकर कथा व्यास आचार्य नीरजा शरणार्थी एवं पूज्यनीय निष्ठानंद जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया और चरण स्पर्श कर आर्शीवाद लिया। तत्पश्चात कथा व्यास ने श्री चुघ को शॉल ओढ़ाकर उन्हें आर्शीवाद दिया। कथा व्यास ने श्री राम कथा में राम भरत मिलाप का वृतांत उपस्थित भक्त जनों को सुनाया। उन्होंने कहा कि माता कैकई सबसे ज्यादा प्यार रामचंद्र जी को करती थी। क्योंकि जब बचपन में माता कैकई रामचंद्र जी को प्यार दुलार कर रही थी तो उन्होंने उनका हाथ रोक कर कहा कि माता जी मेरी एक बात मानोगे। तो उन्होंने कहा तुमने अभी तक कुछ नहीं मांगा है और तीनो भाई कुछ ना कुछ खिलौने या और अन्य मिठाइयां चीजें मांगते रहते हैं। तुम जो मांगोगे मैं दूंगी। चाहे आने वाले युग में कोई अपनी बेटी का नाम केकई ना रखें या आप विधवा हो जाओ ऐसी भी कोई बात हो तो क्या आप मानोगे।उन्होंने कहा हां मेरे पुत्र को जो अच्छा लगता होगा मैं वही करूंगी मुझे स्वर्ग नरक की कोई परवाह नहीं है। तो श्री रामचंद्र ने उनसे कहा कि जब समय आएगा तो मेरा राजतिलक पूरा होगा उस समय आप भारत के लिए राज्य मांगना और मेरे लिए 14 वर्ष का वनवास। तभी आप मेरी सच्ची मां होगी। आप मुझे वचन दो। तो उन्होंने कहा ठीक है और उन्होंने आने वाले समय में ऐसा ही किया।उन्होंने भरत जी का भी जिक्र किया कि वह अयोध्या से जंगल में चित्रकूट में रामचंद्र जी को लेने गए थे लेकिन रामचंद जी ने कहा कि मैं पिताजी की आज्ञा मानकर आया हूं और पिता जी की आज्ञा मानना सही नहीं है तो मैं वापस चलता हूं। तो भरत ने कहा आप पिता की आज्ञा का पालन करें कि सही रहेगा यही सही होगा। उसके पश्चात कथा व्यास जी ने बताया कि रामचंद्र जी सोते थे ना लक्ष्मण जी। जंगलों में सोते थे और भरत जी नहीं सोते थे और शत्रुघ्न जी तो भरत जी के महल के सामने रहकर 14 वर्ष तक जागते रहे। उन्होंने कहा रामायण से हमें माता पिता की आज्ञा का पालन करना, उनकी सेवा करना, भाइयों में आपसी प्यार और विश्वास को बनाना, सास बहू का आदर्श व्यवहार बनाने की शिक्षा मिलती है। हमें अपने जीवन में सबके साथ मिलजुल कर रहना चाहिए। कथा के मुख्य जजमान डा . कुलदीप रघुवंशी गुलरभोज वाले, मनोज रघुवंशी एवं उनके परिजन थे। इस मौके पर चेतन खनिजो ,राजू हुड़िया, जसपाल अरोड़ा, गुलशन बजाज, खराती लाल गगनेजा ,जतिन नागपाल, राकेश कालड़ा, हरीश जल्होत्रा, जगदीश टंडन, आशीष अरोरा, राजेंद्र हुड़िया, दिव्यांश, करन अरोरा, सुभाष गगनेजा, रिम्पी हुड़िया, सीमा हुड़िया, सीमा रहेजा, मानसी बत्रा, प्रिया, रिचा गगनेजा, चारु, कीर्ति खनिजो, सपना बत्रा सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

More From Author

विधायकी कार्यकाल में विधायक निधि से विधानसभा के 21 विद्यालयों का पुनः उद्धार किया जायेगा-बेहड़ विधायक बेहड़ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ शिक्षा से सम्बंधित की बैठक

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *