“विश्व हाथी दिवस: नष्ट होते आवासों के बीच हाथियों का संरक्षण”

ई• रूपेश अरोरा, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर,रुद्रपुर

जंगल में रहने वाले शाकाहारी जीवों में हाथी सबसे बड़े हैं।

एशियाई हाथी झुंड में रहते हैं, और झुंड का नेतृत्व सबसे उम्रदराज मादा यानि कुलमाता करती है। नर हाथी एकाकी जीवन व्यतीत करते हैं और केवल प्रजनन के समय ही झुंड के आस पास दिखाई देते हैं। किसी एशियाई हाथी का मस्तिष्क मनुष्य से काफी बड़ा होता है, और उसकी स्मरण शक्ति असामान्य रूप से ज्यादा होती है। एशियाई हाथियों में एक बहुत बड़ा और अत्यधिक विकसित नियोकोर्टेक्स होता है, जो मनुष्यों, वानरों और कुछ डॉल्फ़िन प्रजातियों में भी पाया जाता है। उनके पास अन्य सभी मौजूदा भूमि जानवरों की तुलना में संज्ञानात्मक प्रसंस्करण के लिए अधिक मात्रा में सेरेब्रल कॉर्टेक्स उपलब्ध है। मनुष्यों और वानरों की तरह हाथी भी औज़ारों का प्रयोग करने की काबिलियत रखते हैं।
हाथी रस्तों को याद रखते हैं, उम्र और तजुर्बे के साथ साथ उनको ये भी ज्ञान हो जाता है कि ग्रीष्मकाल में सूखे के वक्त भोजन और जल कहां मिलेगा। एज वयस्क हाथी को प्रतिदिन 150 किलोग्राम चारा और 80-150 लीटर तक पानी की आवश्यकता होती है।
नर हाथी 9 फ़ीट तक ऊंचा, 21 फ़ीट तक लंबा और 4 टन वज़नी हो सकता है। मादाएं इनकी तुलना में छोटी , लगभग 8 फ़ीट तक ऊंची और 2.7 टन तक वज़नी हो सकती हैं।
किसी एशियाई हाथी को अक्सर जंगलों में नदी किनारे और तालाबों के आस पास आसानी से देखा जा सकता है। उत्तर भारत के राजाजी नेशनल पार्क और कॉर्बेट नेशनल पार्क में एशियाई हाथी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
हाथी घांस के मैदान और घने जंगलों में रहना पसंद करते हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों में हाथियों को समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई वाले पहाड़ी छेत्रों में भी देखा गया है।
प्राचीन भारत में इनको घोड़ों की तरह सेना में और भारी वज़न उठाने के काम में प्रयोग किया जाता था।
जंगली हाथियों को देखने के लिए विदेशी पर्यटक उन जगहों में आते हैं जहाँ उनके दिखने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है। इससे राज्य को आमदनी भी होती है।
एशियाई हाथी अफ्रीकी हाथी की तुलना में आकार में थोड़े छोटे होते हैं।
हाथी का नवजात शिशु जन्म लेने के कुछ ही घंटो में अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है। बिलकुल मनुष्यों की तरह ही हाथी मां अपने बच्चे को स्नान भी करवाती है। नवजात हाथी जन्म लेने के कुछ घंटे बाद ही माँ का दूध पीना सीख जाता है। सूंड छोटी होने की वजह से बच्चा मुँह से ही स्तनपान करता है।

मां बच्चे को कभी भी अपनी नजर से दूर नही होने देती। बच्चा अपनी मां की छाया में खुद को महफूज़ समझता है और किसी भी जीव या वस्तु से जरा भी डरने पर अपनी मां के नीचे छुप जाता है। आकार में छोटा होने की वजह से बच्चा आसानी से माता के नीचे से इधर उधर आता जाता रहता है। अपने बच्चे के लिए किसी अन्य जीव या मनुष्य से खतरा महसूस होने पर मां बेझिझक किसी पर भी हमला कर देती है। इंटरनेट पर अक्सर हाथी के हमले के वीडियो देखने को मिलते हैं, और ज्यादातर ऐसे हमले हाथी मां द्वारा ही होते हैं।
लेकिन आज इस विशालकाय और खूबसूरत जीव का भविष्य खतरे में है। पिछले 75 वर्षों में हाथियों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी आयी है।

हाथियों की संख्या में कमी आने के मुख्य कारण जैसे कि वनों की कटाई के कारण निवास स्थान की हानि, हाथियों के प्रवास मार्गों में व्यवधान, कृषि का विस्तार और संरक्षित क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण, हाथी दांतो और उनकी खाल के लिए शिकार, बढ़ती मानव जनसंख्या, बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाएँ और ऊपर से नीचे तक ख़राब प्रशासन शामिल हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा बाड़ लगाने जैसा विकास हाथियों की मुक्त आवाजाही में एक बड़ी बाधा बन गया है।असम में 1980 से 2003 के बीच मानव-हाथी संघर्ष के परिणामस्वरूप 1,150 से अधिक मनुष्य और 370 हाथियों की मृत्यु हो गई।
हाथियों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा भी प्रयास किये जा रहे हैं।

इस संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विश्व हाथी दिवस 2012 से हर वर्ष12 अगस्त को मनाया जाता है। एशियाई हाथी जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके बारे में जानकारी देने और लोगों को शामिल करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में चिड़ियाघरों और संरक्षण भागीदारों द्वारा अगस्त को एशियाई हाथी जागरूकता माह के रूप में स्थापित किया गया है।
विश्व हाथी दिवस एक अंतरराष्ट्रीय वार्षिक कार्यक्रम है, जो दुनिया के हाथियों के संरक्षण के लिए समर्पित है, और हम सबको किसी न किसी रूप में इसका हिस्सा बनना चाहिए। मनुष्यों का योगदान ही प्रकृति वन और वन्य जीव संरक्षण की बुनियाद है।

 

More From Author

14 अगस्त को विभाज विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम को लेकर विधायक शिव अरोरा ने रखी रूपरेखा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई केन्द्रीय मंत्री व राज्य के कैबिनेट मंत्री होंगे शामिल, विधायक बोले हिन्दू बंगाली समाज के सम्मान में अब तक का सबसे भव्य कार्यक्रम का आयोजन

ननक़मत्ता में हुई चोरी का पुलिस ने किया खुलासा चोर गिरफ़्तार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *