Friday, April 19, 2024

Latest Posts

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनजीवन उत्थान समिति द्वारा किया गया विचार गोष्ठी का आयोजन

 

 

काशीपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनजीवन उत्थान समिति द्वारा जगदीश

प्रेरणा भवन मोहल्ला सिंघान में विचार गोष्ठी का आयोजित की गई महिलाओं का

विश्व में योगदान, विषय पर आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ अधिवक्ता

शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने करते हुए कहा कि विश्व की जननी नारी को भारतीय

संस्कृति में पूजनीय माना जाता है। नारी की पूजा जहां होती है वहां देवता

निवास करते हैं। हमारे समाज में अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक महिला एक

अहम भूमिका निभाती है। एक नारी पत्नी, बहन, बेटी, दोस्त व मां बन कर सारे

रिश्ते निभाती है। 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता

प्राप्त हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला

दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। 2014 तक यह 100 से अधिक देशों में

मनाया जाने लगा। महिला दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति

सम्मान व उनको बराबरी का दर्जा दिलाया जाना है। समाज की हर वह नारी जो

रसोई की ज्वाला में जीवन यज्ञ को समर्पित करती हैं साथ ही अपने दायित्व

को समाज व परिवार के प्रति समर्पित करती है और राष्ट्र निर्माण में अपना

पूर्ण सहयोग करती है ऐसी नारी को मेरा शत-शत नमन है। हमें आज संकल्प लेना

चाहिए कि जिस नारी ने विश्व की संरचना की है उसके सशक्तिकरण के लिए कार्य

करें और विश्व में मानवीय मूल्यों को प्रज्वलित कर नारी सशक्तिकरण के लिए

कार्य करें। समिति द्वारा कई वर्षों से महिलाओं को विधिक ज्ञान दिया जा

रहा है। इस मौके पर भास्कर त्यागी एडवोकेट, शालिनी मिश्रा एडवोकेट, सीमा

शर्मा एडवोकेट, प्रीति शर्मा एडवोकेट, श्रीमती मुमताज, श्रीमती जया

मिश्रा, सैयद आसिफ अली, अमृत पाल, जहांगीर आलम आदि उपस्थित थे।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनजीवन उत्थान समिति द्वारा किया गया विचार गोष्ठी का आयोजन

काशीपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनजीवन उत्थान समिति द्वारा जगदीश
प्रेरणा भवन मोहल्ला सिंघान में विचार गोष्ठी का आयोजित की गई महिलाओं का
विश्व में योगदान, विषय पर आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ अधिवक्ता
शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने करते हुए कहा कि विश्व की जननी नारी को भारतीय
संस्कृति में पूजनीय माना जाता है। नारी की पूजा जहां होती है वहां देवता
निवास करते हैं। हमारे समाज में अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक महिला एक
अहम भूमिका निभाती है। एक नारी पत्नी, बहन, बेटी, दोस्त व मां बन कर सारे
रिश्ते निभाती है। 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता
प्राप्त हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला
दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। 2014 तक यह 100 से अधिक देशों में
मनाया जाने लगा। महिला दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति
सम्मान व उनको बराबरी का दर्जा दिलाया जाना है। समाज की हर वह नारी जो
रसोई की ज्वाला में जीवन यज्ञ को समर्पित करती हैं साथ ही अपने दायित्व
को समाज व परिवार के प्रति समर्पित करती है और राष्ट्र निर्माण में अपना
पूर्ण सहयोग करती है ऐसी नारी को मेरा शत-शत नमन है। हमें आज संकल्प लेना
चाहिए कि जिस नारी ने विश्व की संरचना की है उसके सशक्तिकरण के लिए कार्य
करें और विश्व में मानवीय मूल्यों को प्रज्वलित कर नारी सशक्तिकरण के लिए
कार्य करें। समिति द्वारा कई वर्षों से महिलाओं को विधिक ज्ञान दिया जा
रहा है। इस मौके पर भास्कर त्यागी एडवोकेट, शालिनी मिश्रा एडवोकेट, सीमा
शर्मा एडवोकेट, प्रीति शर्मा एडवोकेट, श्रीमती मुमताज, श्रीमती जया
मिश्रा, सैयद आसिफ अली, अमृत पाल, जहांगीर आलम आदि उपस्थित थे।

About The Author

Latest Posts

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.