Friday, March 29, 2024

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  • रुद्रपुर वेव सिनेमा हॉल मैं देखने गए द कश्मीर फाइल फिल्म की कहानी देख हजारों दर्शक हुए भावुक और हजारों की संख्या में दर्शकों ने सिनेमा हॉल के अंदर भारत माता की जय के नारे लगाया । वही समाज सेवी सुब्रत विश्वास और उनके सहयोगी द्वारा सिनेमा हॉल के अंदर सभी दर्शकों से अनुरोध किया कि 1 मिनट का मौन धारण कर करोड़ों हिंदुओं का नरसंहार हुआ है हिंदुओं लिए श्रद्धांजलि अर्पित किया जाए। सिनेमा हॉल में मौजूद सभी दर्शकों ने समाजसेवी सुब्रत विश्वास और उनके सहयोगी के कहने पर 1 मिनट का मौन धारण रखा और अपने फोन के फ्लैशलाइट ऑन कर करोड़ों हिंदुओं के नरसंहार में शहीद हुए हिंदुओं को श्रद्धांजलि दी । सुब्रत विश्वास सिनेमा हॉल के अंदर बताया की बंटवारे के बाद हिंदू जैन बौद्ध सिख के साथ बांग्लादेश पाकिस्तान अफ़गानिस्तान में किस प्रकार से अत्याचार हुआ । पर बांग्लादेश के अंदर लाखों में के संख्या में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन किया गया , महिलाओं बच्चों का बलात्कार किया गया, और लाखों की संख्या में कत्लेआम किया गया । विस्थापित हिंदुओं के साथ अत्याचार हुए पूर्वी पाकिस्तान ( बांग्लादेश ) में बंगाली हिंदू का नरसंहार हुआ और पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद सिख बौद्ध जैन गुज्जर राजस्थानी समुदाय और हिंदुओं के साथ नरसंहार हुआ । अगर भारत सरकार ने उसी समय भारत और पाकिस्तान से आए हुए हिंदुओं और वहां हो रहे अत्याचार पर रोक लगाया होता और उचित कदम उठाया होता हिंदुओं के नरसंहार के ऊपर तो कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडितों को 1990 में पलायन नहीं करना पड़ता। और ना ही उनका नरसंहार होता। आज भी देश के अंदर बंटवारा हिंदुस्तान और पाकिस्तान हिंदू मुस्लिम के नाम पर ही हुआ था। बंटवारे के बाद पाकिस्तान तो मुस्लिम राष्ट्र बन गया परंतु आज भी भारत के अंदर जो विस्थापित होकर हिंदू आए हैं उनके 1947 के बाद से आज तक हिंदुस्तान में भेदभाव होता आ रहा है उन्हें अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है कई बार उनके वोटर आईडी कार्ड कैंसिल कर दिया था उन्हें बांग्लादेशी कहां जाता है उन्हें शरणार्थी कहां जाता है उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है कश्मीरी पंडितों को भी इसी प्रकार अपने ही भारत देश विस्थापित होकर शरणार्थी रहना पड़ता है इससे बड़ा शर्म की बात हमारे देश के सरकार के लिए कुछ नहीं कर सकती । अब समय आ चुका है कि जो शरणार्थी विस्थापित हुए हैं 1947 के बाद से सरकार की गलत नीतियों के कारण उन सभी को भारत के संविधान के मुख्य धारा के साथ जोड़ा जाए और उनको अधिकार दिया जाए।। भारत के विभिन्न राज्यों में बसे कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में बसाने की उचित व्यवस्था किया जाए।। मुस्लिम समुदाय को अल्पसंख्यक के दर्जे से बाहर किया जाए। और जो दूसरे समुदाय हैं जो देश के अंदर जैसे ईसाई पारसी जैन बौद्ध जो अल्पसंख्यक है उन्हें अब संकेत का दर्जा दिया जाए । भारत के अंदर दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या अगर किसी समुदाय की है तो मुस्लिम समुदाय की है इसलिए उनका अल्पसंख्यक का दर्जा समाप्त किया जाए ।।इन मुख्य बातों को जनता के सामने रखा और 1 मिनट का मौन धारण रखें करोड़ों हिंदू जो नरसंहार में शहीद हुए उन को श्रद्धांजलि दिया गया।। श्रद्धांजलि में उपस्थित सैकड़ों दर्शक थे ।

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