रुद्रपुर फोरेंसिक साइंस लैब मे कार्यशाला का आयोजन
रुद्रपुर के भदईपुरा स्थित फोरेंसिक सांईस लेबोरेटरी मे एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
जिसकी अध्यक्षता संयुक्त निदेशक डॉ दयाल शरण ने की।कार्यशाला मे महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय बरेली से दर्जनों छात्र रुद्रपुर पहुचे।जहाँ डॉ दयाल शरण द्वारा छात्र छात्राओं को एक दिवसीय कार्यशाला में फोरेंसिक अध्ययन से भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका के योगदान को बताया गया ।
महाराजा अग्रसेन बरेली विश्वविध्यालय से लगभग पचास एम एस सी के विध्यार्थियों ने फोरेंसिक से सम्बन्धित विषयों, फोरेंसिक का न्यायालय में उपयोग, घटनास्थल पर इसका प्रयोग और क्रिमिनल्स को सजा दिलाने में फोरेंसिक की महत्वपूर्ण भूमिका के विषयों में संयुक्त निदेशक डॉ.दयाल शरण की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया।और आज हमारे देश में हर फिल्ड में सांईस का उपयोग हो रहा है ,कैरियर के लिहाज से सांईस की पकड़ लगातार बढ़ रही है।फोरेंसिक सांईस इसका सटीक उदाहरण है।ये घटना की जड़ तक पहुंचे के लिए नई नई तकनीकों के माध्यम से सबूतों की जांच कर अपराधियों को पकड़ने और सही न्याय दिलाने में सहायक होते हैं।साथ ही इसके लिए क्राइम सीन ,ब्लड सेंपलिंग, डीएनए, प्रोफाइलिंग,नई टेक्निकस के बारे में रिसर्च आदि की जांच करते हैं आदि की जिज्ञासा भरी जानकारी दी।इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी डॉ.रेनू शरण ने अपने उध्वोधन में कहा कि फोरेंसिक सांईस के अध्ययन और प्रशिक्षण से विधार्थियों को भविष्य निर्माण में सहायता प्रदान होती है साथ ही श्रीमद्भागवत गीता ,सनातन संस्कृति और वेदों के अध्ययन और मंत्रोंच्चारण से एक नई ऊर्जा का संचार होता है।और हमारी भारत सरकार द्वारा हर प्रदेश में फोरेंसिक सांईस के अध्ययन हेतु हर राज्य में नेशनल फोरेंसिक सांईस यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही है।जल्द ही उत्तराखंड राज्य में भी नेशनल फोरेंसिक सांईस यूनिवर्सिटी खुलने की सम्भावना है।जो उत्तराखंड के छात्र छात्राओं के भविष्य निर्माण में सहायक होगी।ज्योलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ.नीतू शर्मा ने संयुक्त निदेशकः डॉ दयाल शरण का आभार प्रकट किया।कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का होना छात्र छात्राओं के लिए बहुत आवश्यक है।
इस अवसर पर वैज्ञानिक हेमंत होलकर एस आई पुनीता बलौदी,एम सी जौशी,प्रेरणा, हरीश,डॉ एके शर्मा, डॉ पूजा, धीरज शरण एंव समस्त स्टाफ मौजूद थे ।