राजीव कुमार
प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति का चुनाव संपन्न: दिलीप अधिकारी अध्यक्ष और नारायण हालदार महासचिव चुने गए
दिनेशपुर । बंगाली समाज की सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली संस्था प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति के चुनाव बड़े ही उत्साह और पारदर्शिता के साथ संपन्न हो गए। लंबे समय बाद सिटी क्लब रुद्रपुर में आयोजित इस चुनावी प्रक्रिया ने न केवल समिति की नई दिशा तय की, बल्कि स्थानीय समाज और राजनीति में भी नई हलचल पैदा कर दी है। इस चुनावी मुकाबले में दिलीप अधिकारी ने अध्यक्ष पद पर शानदार जीत दर्ज की। उन्हें 81 में से 53 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को केवल 17 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। महासचिव पद पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिला, जिसमें नारायण हालदार ने 51 वोट हासिल कर विकास सरकार को 19 वोटों से पछाड़ दिया। इस जीत के साथ दोनों नेता समिति की नई कार्यकारिणी के केंद्रीय चेहरे बनकर उभरे हैं। वही वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर एडवोकेट प्रियजीत राय, कोषाध्यक्ष संजीत खान, उपसचिव अभिमन्यु साना, संगठन सचिव भास्कर मण्डल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विजय सिकदार को निर्विरोध चुना गया। सभी नव-निर्वाचित पदाधिकारियों का सिटी क्लब परिसर में भव्य स्वागत किया गया। वहीं चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई। मतदाताओं ने सुबह से ही उत्साहपूर्वक मतदान किया और दोपहर के बाद परिणाम सामने आ गए। समिति के वरिष्ठ सदस्यों, गणमान्य अतिथियों और समाज के सैकड़ों लोगों की मौजूदगी ने इस अवसर को ऐतिहासिक बना दिया। जीत के बाद सिटी क्लब में आयोजित स्वागत समारोह में उत्साह और उमंग का माहौल देखने को मिला। फूल मालाओं और जयकारों के बीच नए पदाधिकारियों का अभिनंदन किया गया। वहीं समिति के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर गांगुली, पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन, तरुण दत्ता, परिमल राय, तारक बाछाड समेत कई विशिष्ट लोग मौजूद रहे। उनके संबोधनों ने माहौल को और भी गरिमामय बना दिया।
आपको बता दे प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति स्थापना वर्ष 1994 में हुई थी, बंगाली समाज की सबसे सक्रिय और सम्मानित संस्थाओं में गिनी जाती है। समिति का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले बंगाली समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य करना है। समिति पिछले तीन दशकों से लगातार बंगाली संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक एकता को संरक्षित करने के लिए काम कर रही है। चाहे दुर्गापूजा जैसे धार्मिक उत्सव हों या सामाजिक कल्याण के अभियान, समिति हमेशा अग्रणी रही है। यही कारण है कि इसके चुनाव को समाज में एक बड़ा आयोजन माना जाता है। नई कार्यकारिणी से समाज को कई उम्मीदें जुड़ी हैं। अध्यक्ष बने दिलीप अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि समिति हर वर्ग समाज की आवाज बनेगी और समाज के युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के उत्थान के लिए ठोस कार्यक्रम चलाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक संरक्षण समिति की प्राथमिकताओं में रहेगा। महासचिव नारायण हालदार ने कहा कि वे समिति को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और समाज के हर सदस्य तक पहुंच बनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि समिति केवल औपचारिक आयोजनों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि समाज की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्य करेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार का चुनाव केवल संगठनात्मक महत्व तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका असर स्थानीय राजनीति पर भी देखने को मिलेगा। बंगाली समाज की बड़ी संख्या और उसकी सक्रियता इसे जिले की राजनीति में निर्णायक भूमिका देती है। ऐसे में नई कार्यकारिणी की नीतियां और फैसले आने वाले समय में क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। रुद्रपुर में हुए प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति के चुनाव ने एक बार फिर यह साबित किया है कि संगठन समाज की एकजुटता और प्रगति के केंद्र में होते हैं। दिलीप अधिकारी और नारायण हलदर के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी से न केवल बंगाली समाज, बल्कि पूरे जिले को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। समिति की नई टीम पर अब जिम्मेदारी है कि वह अपने वादों और समाज की अपेक्षाओं पर खरी उतरे। यह चुनाव सिर्फ पदों की अदला-बदली नहीं, बल्कि समाज की संस्कृति, परंपरा और भविष्य को मजबूत करने की पहल हैं। इस मौके पर प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर गंगोली, अनादि मंडल, रवि सरकार, मनोज राय, सुभाष सरकार, त्रिनाथ विश्वास, तापस राय, विकास राय, राजू गईन, तारक बाछड़ , संजय आइस, रामचंद्र राय, ममता हाल्दार, सुनीता मिस्त्री, सुकोमल मंडल, किशोर हाल्दार, आलोक राय, सुभाष सरकार आदि मौजूद थे।