पीठ दर्द को नजरअंदाज न करें, समय पर इलाज से बच सकती है सर्जरी

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राजीव कुमार ब्यूरो चीफ उधम सिंह नगर

 

पीठ दर्द को नजरअंदाज न करें, समय पर इलाज से बच सकती है सर्जरी

रुद्रपुर: पीठ दर्द एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। आज लगभग हर व्यक्ति अपने जीवनकाल में किसी न किसी समय पीठ दर्द का अनुभव करता है, लेकिन राहत की बात यह है कि लगभग 95% मामलों में यह दर्द बिना सर्जरी के ही जीवनशैली में बदलाव, दवाओं, फिजियोथेरेपी और अन्य नॉन-सर्जिकल थेरेपी से ठीक किया जा सकता है। केवल 5% मामलों में गंभीर दर्द या इलाज का असर न होने पर सर्जरी की आवश्यकता होती है।

पीठ दर्द से बचाव ही इसका सबसे अच्छा इलाज है। उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी के जोड़ों, डिस्क और हड्डियों में होने वाले बदलाव (डिजेनेरेटिव स्पाइन डिजीज) से होने वाले पुराने पीठ दर्द को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर काफी हद तक रोका या धीमा किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपना वजन नियंत्रित रखे, रोजाना एक्सरसाइज करे, सही पॉश्चर अपनाए और धूम्रपान से दूर रहे। यह सब रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और लंबे समय तक स्पाइनल हेल्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के न्यूरोसर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. कपिल जैन ने बताया कि “हालांकि, कुछ संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर किसी को लगातार बढ़ता हुआ पीठ दर्द हो, आराम करने पर भी राहत न मिले, पैरों या हाथों में सुन्नता, कमजोरी या झनझनाहट हो, बुखार या पाचन/मूत्र संबंधी लक्षणों के साथ दर्द हो, या कैंसर के इतिहास वाले मरीजों को पीठ में दर्द हो, तो तुरंत न्यूरोसर्जन या स्पाइन स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए। ये संकेत किसी गंभीर रोग की ओर इशारा कर सकते हैं। पीठ दर्द के सही कारणों का पता लगाने के लिए आमतौर पर एमआरआई सबसे उपयुक्त जांच होती है, जिससे हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस, संक्रमण, ट्यूमर या अन्य डिजेनेरेटिव बदलावों का पता चल सकता है। इसके आधार पर डॉक्टर दवाएं, फिजियोथेरेपी, आराम और जीवनशैली में बदलाव जैसे कंजरवेटिव ट्रीटमेंट शुरू करते हैं और अधिकांश मरीज कुछ ही हफ्तों में बेहतर महसूस करते हैं।“

अगर इलाज के बावजूद लक्षण बने रहें या बढ़ जाएं, तो फिर सर्जरी की सलाह दी जाती है। आजकल माइक्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी जैसे आधुनिक और मिनिमली इनवेसिव विकल्प मौजूद हैं, जिनमें छोटा चीरा, कम मांसपेशियों की क्षति और जल्दी ठीक होने की संभावना होती है। ये सर्जरी सामान्यत: रीजनल या लोकल एनेस्थीसिया के तहत की जाती हैं और कुशल सर्जनों द्वारा बेहतरीन परिणाम मिलते हैं।

पीठ दर्द आम जरूर है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। विशेष संकेतों की स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें, क्योंकि समय रहते इलाज से दर्द रहित और स्वस्थ जीवन संभव है।

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