प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ० गणेश उपाध्याय ने बजट पर सरकार की घेराबंदी करते हुए भाजपा सरकार पर प्रदेश को कर्ज के बोझ में डुबाने का आरोप लगाया है तथा कहा कि वर्ष 2023-2024 के बजट को उधार का बजट करार दिया है। कर्ज में डूबे इस बजट से राज्य के युवाओं, किसानों और आम आदमी को कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना निर्माण, रोजगार सृजन आदि के लिए कुछ भी नहीं है।
राज्य पर इस वित्तीय साल के अंत तक 1 लाख 34749 करोड़ की देनदारी हो जायेगी। वर्ष 2017 तक प्रदेश पर केवल 35 हजार करोड़ का कर्ज और देनदारी थी। वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इस साल तक सरकार ने 99 749 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है। वहीं विधानसभा के पटल पर रखी गई भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि उत्तराखंड में 1386 करोड़ की वसूली सरकार नहीं कर पाई। साथ ही इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि सरकारी एजेंसियों ने ही कराया अवैध खनन तथा खनन विभाग, जिला कलेक्टर, पुलिस विभाग, वन विभाग, गढ़वाल मंडल विकास निगम जैसी संस्थाए अवैध खनन को रोकने और उसका पता लगाने में विफल रही हैं। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग की पेंशन भुगतान प्रणाली में कैग ने गंभीर खामियां पाई है। विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत हजारों खाते एक ही मोबाइल नम्बर से लिंक मिले हैं। कैग की रिपोर्ट के अनुसार विधवा पेंशन योजना में 8661 और वृद्धावस्था पेंशन योजना में 3102 लाभार्थियों के डेटा बेस में भारी गड़बड़ी पाई गई है। उन्होंने भाजपा सरकार पर लूट और भ्रष्टाचार में भागीदार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश का आम आदमी आगामी चुनावों में भाजपा को कड़ा सबक सिखाने का मन बना चुका है।