रिपोर्टर राजीव कुमार रुद्रपुर
रूद्रपुर। सिख धर्म के सभी दस गुरु महाराज के संदेश समाज को सही दिशा प्रदान करते हैं। हम सभी का यह प्रथम दायित्व है कि गुरुओं के बताए मार्ग पर चलकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। यह बातकेंद्रीय विश्व विद्यालय, धर्मशाला, हिमांचल प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ संपर्क विभाग द्वारा गौरवशाली सिख गुरु परम्परा एवं सप्त सिंधु का इतिहास विषय पर सिटी क्लब में आयोजित विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि अपने संविधान में कहीं। उन्होंने कहा कि सिख समाज के दस गुरु महाराज सतगुरु श्री नानकदेव जी महाराज, सतगुरु अंगद देव जी महाराज, सतगुरु अमरदास जी महाराज, सतगुरु रामदास जी महाराज, सतगुरु अर्जुनदेव जी महाराज, सतगुरु हरगोबिंद जी महाराज, सतगुरु हरिराय जी महाराज, सतगुरु हरिकिशन जी महाराज, सतगुरु तेग बहादुर जी महाराज तथा सतगुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने समाज को सद्कर्म करने, आपस में मिलजुल कर रहने, जुल्म व अत्याचार के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष करने, जरूरत मंदों की मदद करने, सभी का सम्मान करने आदि संदेश दिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय समाज सेवा के लिए भी निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख समाज का गौरव शाली इतिहास रहा है। समाज के गुरुओं द्वारा धर्म की रक्षा के लिए दी गई कुर्बानियों को आज भी याद किया जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता नायक मनविंदर सिंह , सितारगंज ने तथा संचालन बरीत सिंह एडवोकेट ने किया। इस मौके पर डॉ. शैलेन्द्र प्रान्त प्रचारक , गजेंद्र सिंह संधू शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायलय नैनीताल, राम सिंह बेदी, गुरदीप सिंह गाबा, हरविंदर सिंह विर्क, भारत भूषण चुघ, बलजीत सिंह विर्क, अरविंदर सिंह मट्टू, प्रीत सिंह, सुरजीत सिंह ग्रोवर, उपकार सिंह, सोमपाल सिंह , अमरजीत सिंह , गुरनाम सिंह कामरा, गुरविंदर सिंह, सरदार सिंह चावला, हरपाल सिंह चावला, डॉ. मनदीप सिंह, डॉ. जसविंदर सिंह गिल, गुरमीत सिंह, मुख्तियार सिंह बलजीत सिंह गवा किरण विर्क सुरेंद्र सिंह सरजू अवतार सिंह अजीत पाल सिंह आदि मौजूद थे।