मार्क सेंटोरा, बेन हबार्ड. यूक्रेन में रूसी मिसाइलों से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी बिजली ग्रिड को बहाल करने के लिए दिन-रात संघर्ष जारी है। यूक्रेन का 40 प्रतिशत एनर्जी ढांचा क्षतिग्रस्त या तबाह हो चुका है। राजधानी कीव में अधिकारियों का कहना है कि वे पूरी तरह शहर के बाकी तीस लाख रहवासियों को बाहर निकालने के लिए ब्लैकआउट की योजना बना रहे हैं।
पहले इस संभावना के बारे में नहीं सोचा गया था। स्थिति पहले ही बहुत गंभीर है। नगर निगम के कामगार 1000 हीटिंग शरण स्थल तैयार कर रहे हैं। जो बतौर बंकर भी काम आएंगे। दूसरी ओर इंजीनियर जरूरी साज-सामान के बिना बमबारी से नष्ट बिजली स्टेशनों को सुधारने में जुटे हैं।
7 एरिया में ब्लैक आउट रहेगा
यूक्रेन की राष्ट्रीय एनर्जी कंपनी ने बताया कि ग्रिड को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए सात क्षेत्रों में ब्लैकआउट जारी रहेगा। रूसी सेना ने देशभर में महत्वपूर्ण बिजली इंफ्रास्ट्रक्टर को निशाना बनाया है। विश्लेषकों का कहना है, युद्ध के मैदान में लगातार लग रहे आघातों के कारण रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने यह रणनीति अपनाई है।
रूसी हमलों ने यूक्रेन के नागरिकों के लिए नई मुसीबत खड़ी की है। अधिकारी मानते हैं कि आगे और नुकसान हुआ तो वे बुनियादी सेवाएं मुहैया नहीं कर पाएंगे।
अब तक 12 बिजली सेंटरों पर निशाना
यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि पिछले सोमवार को जब रूस ने 50 से अधिक क्रूज मिसाइल दागी थीं, तब उनमें से अधिक को मार गिराया गया था। हालांकि, कुछ मिसाइल बिजलीघरों, सब स्टेशनों पर लगीं। इससे हजारों लोगों को बिजली सप्लाई बंद हो गई। शुक्रवार को रूस ने घरों में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी के सेंटर पर हमला किया था। एक माह में 12 बिजली सप्लाई सेंटरों को निशाना बनाया जा चुका है।
कीव की नगरीय सरकार के सुरक्षा डायरेक्टर रोमन तकचक ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘अगर रूस ने ऐसे हमले जारी रखे तो हमारा समूचा बिजली सिस्टम खत्म हो जाएगा। ग्रिड के विफल होने की जानकारी मिलने के 12 घंटे के भीतर हम लोगों से शहर छोड़ने के लिए कहेंगे।’
बम और मिसाइलों से बिजली स्टेशन बचाने की तैयारी
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। बड़ी संख्या में लोग कीव नहीं छोड़ रहे हैं। वैसे अगर बिजली नहीं रहेगी तो पानी सप्लाई और सीवेज सिस्टम ठप हो जाएंगे। बिजली स्टेशनों को मिसाइल और बम से बचाने के लिए दीवारें खड़ी की जा रही हैं। इस बीच कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने वॉशिंगटन में कहा कि अमेरिका द्वारा यूक्रेन को ज्यादा मदद देने की घोषणा से पता लगता है कि यूक्रेन और उसके पड़ोसियों के लिए रूसी खतरा कई साल तक रहेगा।