Saturday, July 27, 2024

Latest Posts

 

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्री मद्भागवत कथा नवाह ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है

। जिसके अन्तर्गत भगवान की दिव्य लीलाओं व उनके भीतर छिपे हुए गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को कथा प्रसंग व सुमधुर भजन संकीर्तन के माध्यम से उजागर किया जा रहा है। गोवंश में आ रही क्षीणता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सुश्री कांलिदी भारती जी ने कहा कि गौ की रक्षा व हित संवर्धन के लिए स्वयं परमात्मा इस धरती पर आते हैं पर उनकी सन्तान इस सेवा से क्यों वंचित हैं? वैदिक काल से मानव जीवन का आधर यज्ञ, दान व तप को माना गया है। यदि गहराई से विचार किया जाए तो इन सब का आधर सिपर्फ गौ ही है। यदि भारतीय संस्कृति की व्याख्या संक्षेप में करनी हो तो यह गौ रूप है। गौ जैसा परोपकारी जीव हमें मेहनत व शांत जीवन जीने की प्रेरणा देता है। गौ प्रेम कारण ही हमारे देश में गोकुल, गोवर्धन, गोपाल इत्यादि नाम प्रचलित हैं। प्राचीन भारत में गाय प्रेम की अद्भुत उदाहरण हमें प्रत्यक्ष नजर आती है। गायों की संख्या के आधर पर ही भारतीय किसानों को नंद, उपनंद व नंदराज इत्यादि नाम दिए जाते थे। महापुरुषों ने जहाँ संसार में मानवता की रक्षा की बात की है वहीं उन्होंने गौ रक्षा को भी श्रेष्ठ स्थान प्रदान किया है। गौ के संबंध में हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि गौ वह करने योग्य नहीं है। गाय वह करने वाले के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। भारत की संपन्नता गाय के साथ जुड़ी हुई है। गाय मानव का सच्चा साथी है। बड़े दुःख की बात ही कि देश में पूजा योग्य गाय की हालत अति दयनीय है। आज पशु मेलों के नाम पर करोड़ों की संख्या में हमारा पशु ध्न बूचड़खानों में पहुँचता है जहाँ पहुँचकर उनकी अंतिम या होती है। सदियों से अहिंसा का पुजारी भारत देश आज हिंसक व मांस निर्यातक देश के रूप में उभरता जा रहा है। देश के विभाजन से पहले देश में केवल 300 बूचड़खाने थे परन्तु आज देश में 31000 बूचड़खाने हैं। इससे बढ़कर देश का दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि देश में अनमोल गौवंश की हत्या लगातार जारी है। आज देश में कानूनी व गैर-कानूनी तौर पर हजारों ही बूचड़खाने चल रहे हैं जिनमें प्रतिदिन लाखों की संख्या में पशुओं को काटा जा रहा है। यदि गौवंश के वह पर रोक न लगाई गई तो वर्ष 2020 तक भारत देश में गौ माता एवं गौ ध्न बिल्कुल खत्म हो जाएगा।

साध्वी जी ने कहा कि मानव के उपर परमात्मा की यह बहुत बड़ी कृपा है कि उसे शरीर के लिए आवश्यक स्वर्ण गाय के दूध से प्राप्त हो जाता है। पंचगव्य दूध, दही, गोबर, मूत्रा, घीद्ध का सेवन करके लाईलाज रोगों से भी छुटकारा प्राप्त हो सकता है। वैज्ञानिकों ने भी यह सि ( किया है कि गौमूत्रा में ऐंटीसेप्टिक तत्त्व पाए जाते हैं जिसके द्वारा 400 से भी ज्यादा बीमारियों का ईलाज किया जा सकता है। उन्होंने कथा दौरान कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गौवंश के साथ प्रेम करके समस्त मानव जाति को गौ प्रति उदार बनने की प्रेरणा प्रदान की है। यह हमारा राष्ट्रीय कर्त्तव्य बनता है कि हम गोवंश का वर्धन करे और
यजमान एवं अतिथि गुरु मां इंटरप्राइजेज से रमेश ढींगरा, बलदेव ढींगरा, अभिमन्यु ढींगरा, त्रिमूर्ति प्लाईवुड के एम. डी.दिनेश कपूर एवम उनका परिवार, स्वास्तिक सॉल्वेंट से श्री राम प्रकाश अग्रवाल जी के परिवार से अजय अग्रवाल, एसपी सिटी मनोज कत्याल, समाजसेवी संजय ठुकराल, सुषमा अग्रवाल, सिम्मी ठुकराल, शिखा ग्रोवर, हनीश ग्रोवर, आदि भागवत श्रोता शामिल हुए

About The Author

Latest Posts

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.